कोफ्तगिरी आर्ट की लेकसिटी में बड़ी पहल-गुरु और शिष्य हस्तशिल्प का पचास दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारम्भ

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उदयपुर। राजस्थान और भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के नारायण सेन विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय द्वारा संचालित हस्तशिल्प सेवा केंद्र, उदयपुर में गुरु शिष्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कोफ्तगिरी को संरक्षित करना और युवा शिल्पकारों को इस कला में प्रशिक्षित करना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंकज सिकलीगर (मास्टर क्राफ्ट पर्सन), जो इस प्रशिक्षण के गुरु हैं, ने बताया कि “कोफ्तगिरी एक सूक्ष्म धातुकारी शिल्प है जिसमें लोहे या स्टील की सतह पर चांदी या सोने की महीन तारों से जटिल डिज़ाइन उकेरे जाते हैं। यह कला समय, धैर्य और अत्यधिक कौशल की मांग करती है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से हम न केवल युवाओं को रोजगारपरक कौशल दे रहे हैं, बल्कि इस लुप्त होती कला को पुनर्जीवित करने की कोशिश भी कर रहे हैं।” कार्यक्रम में राजेंद्र परिहार (स्टेट अवॉर्डी), अनिल सिकलीगर, गोपाल सिकलीगर, महेंद्र सिंह मीणा (सहायक निदेशक) तथा चंद्र प्रकाश सालवी भी उपस्थित रहें।सहायक निदेशक महेंद्र सिंह मीणा ने इस मौके पर विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और शिल्पकारों से इन योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की और 50 दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 चयनित शिल्पकारों को कोफ्तगिरी की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा, जिससे उन्हें भविष्य में स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें। यह पहल न केवल उदयपुर बल्कि पूरे राजस्थान के शिल्प क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

रिपोर्टर नारायण सेन

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