पेंशनर्स के हितों पर कुठाराधात से सम्बन्धित सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने हेतु श्रीमान नरेंद्र मोदी माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम जिला कलेक्टर अवधेश मीणा को सौपा ज्ञापन

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सलूम्बर। राज राजस्थान पेंशनर समाज जिला शाखा ने पेंशनर्स के हितों पर कुठाराधात से सम्बन्धित सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने हेतु श्रीमान नरेंद्र मोदी माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम जिला कलेक्टर अवधेश मीणा को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर राजस्थान पेंशनर समाज जिला शाखा अध्यक्ष विजय शंकर शर्मा ने सभी का परिचय देते हुए समस्याओं से अवगत कराया।

ज्ञापन में सरकार ने संसद की मंजूरी के लिए वित्त विधेयक पेश करते समय ‘भारत की सचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों और सिद्धांतों की मान्यता के लिए एक अध्याय शामिल किया है। इसके माध्यम से सरकार को पेंशनभोगियों के बीच अंतर स्थापित करने का

अधिकार मिल गया है जो केंद्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशों पर लागू हो सकता है, और विशेष रूप से पेंशनभोगी की सेवानिवृत्ति की तारीख या केंद्रीय वेतन आयोग की स्वीकृते सिफारिश के संचालन की तारीख के आधार पर अंतर किया जा सकता है। उक्त विधेयक को माध्यम से केंद्र सरकार ने पेंशनर्स की वें वेतन आयोग के लाभ से वंचित करने व पेंशनरों को तिथि के आधार पर वर्गों में बाँटकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया है साथ ही डी.एस. नकारा मामले में दिनांक 17/12/1982 के सर्वोच्य न्यायालय की संविधान पीठ के

ऐतिहासिक निर्णय को चुनौती दी है।राजस्थान पेंशनर समाज, भारत देश में वर्ष 1972 से समान अधिकारों के साथ नियमित रूप से पेंशन प्राप्त करने वाले देश के करोड़ों पेंशनरों के हितों पर कुठाराघात करने वाले,इस वित्त विधेयक का पुरजोर विरोध करता है,क्योंकि 7वीं सीपीसी जिसे 01/01/2016 से पहले और 01/01/2016 के बाद सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था। यह विधेयक इस प्रकार की समानता को खत्म कर देता हैं। इसके अलावा जबसे 8 वीं सीपीसी की घोषणा की गई है। देश भर के पेंशनभोगी अपने पेंशन संशोधन और 01/01/2026 से पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनभोगियों और 01/01/2026 (8 वीं सीपीसी की सिफारिशों की अपेक्षित तिथि) के बाद सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के बारे में यितित हैं। वर्तमान निर्णय पेंशनभोगियों के लिए यह एक बड़ा झटका है और इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करने और इसे वापस लेने की आवश्यकता है। जिला राजस्थान पेंशनर समाज के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर राजस्थान पेंशनर समाज की हमारी शाखा केंद्र सरकार के इस निर्णय का घोर विरोध करते हुए उन्हें इस विधेयक पर पुनर्विच्चार कर पेंशनरों के हित में निर्णय लेने का अनुरोध करती है। आप को अवगत करवा दें कि यदि विधेयक में पेंशनरों पर कुठाराघात संबंधी बिंदु नहीं हटाए गए तो राजस्थान पेंशनर समाज को पूरे प्रदेश में आंदोलनात्मक रुख अपनाने को मजबूर होना पड़ेगा।आज ज्ञापन के बाद आगे चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। उम्र के इस पढ़ाव में पेंशनरों को सड़क पर उतरने और आमरण अनशन पर बैठने की जिम्मेदारी आपकी होगी।

रिपोर्टर नारायण सेन

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